Toll Tax Free – अगर आप हाईवे पर गाड़ी लेकर अक्सर सफर करते हैं और हर बार टोल प्लाज़ा पर रुककर पैसे देना आपको भारी लगता है, तो ये खबर आपके चेहरे पर मुस्कान ला सकती है। जी हां, सरकार ने टोल टैक्स को लेकर कुछ नए नियम लागू किए हैं और इनमें कुछ लोगों को पूरी तरह छूट दी गई है। अगर आप भी सोच रहे हैं कि क्या आप इस लिस्ट में आते हैं, तो पूरी जानकारी नीचे पढ़िए।
टोल टैक्स क्यों लिया जाता है?
थोड़ा सा पीछे चलें तो समझना जरूरी है कि टोल टैक्स आखिर क्यों वसूला जाता है। जब हम नेशनल हाईवे या एक्सप्रेसवे पर गाड़ी चलाते हैं, तो सरकार उन सड़कों के रखरखाव और मरम्मत के लिए एक तय फीस हमसे लेती है। यही टोल टैक्स होता है। लेकिन अब कुछ खास लोग और सेवाएं ऐसी हैं जिन्हें सरकार ने इस टैक्स से पूरी तरह छूट दे दी है।
किन्हें नहीं देना होगा टोल टैक्स – पूरी लिस्ट जानिए
सरकार ने बाकायदा एक लिस्ट जारी की है जिसमें वो सभी लोग शामिल हैं जिन्हें टोल देने से छूट दी गई है। जैसे कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री। इनका काफिला जब हाईवे पर निकलता है, तो कहीं भी रोकने की ज़रूरत नहीं होती। इसी तरह राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी टोल टैक्स से पूरी तरह फ्री हैं।
सांसद और विधायक जब सरकारी काम से सफर कर रहे होते हैं तो उन्हें भी टोल नहीं देना होता। उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट के जज भी जब आधिकारिक विजिट पर होते हैं, तो उनके वाहन टोल फ्री रहते हैं।
वीरता पुरस्कार विजेताओं को भी सम्मान
परमवीर चक्र, अशोक चक्र, शौर्य चक्र, कीर्ति चक्र जैसे वीरता पुरस्कार पाने वाले नागरिकों को भी जीवनभर टोल टैक्स से छूट मिली हुई है। उनकी गाड़ियों पर खास स्टीकर होता है जिससे टोल स्टाफ उन्हें पहचानकर बिना रुके आगे जाने देता है।
आपातकालीन सेवाएं और सेना के वाहन भी फ्री
देश की सुरक्षा और नागरिकों की मदद के लिए काम में लाए जाने वाले वाहनों को भी टोल टैक्स से मुक्त रखा गया है। इसमें सेना, वायुसेना, नौसेना के वाहन, अर्धसैनिक बल जैसे BSF, CRPF, ITBP, CISF के वाहन, फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस, पुलिस और आपदा प्रबंधन वाहन शामिल हैं। इन वाहनों को कोई भी टोल रोकता नहीं है क्योंकि ये सीधे जनहित से जुड़े होते हैं।
बाइक और साइकिल वालों के लिए राहत
अब आम जनता की बात करें तो देशभर में सभी दोपहिया वाहन – बाइक, स्कूटर और साइकिल को टोल से पूरी तरह छूट मिली हुई है। ये गाड़ियां सड़कों पर भारी असर नहीं डालतीं और आमतौर पर मध्यम या निम्न वर्ग के लोग इनका उपयोग करते हैं, इसलिए इन्हें राहत दी गई है।
सरकारी बसों को भी टोल नहीं देना पड़ता
जिन राज्यों की बसें सरकार के अधीन होती हैं – जैसे UPSRTC, DTC, RSRTC – उन्हें भी टोल फ्री किया गया है। ऐसा इसलिए ताकि सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा मिले और लोग निजी वाहनों की बजाय बसों में यात्रा करना पसंद करें।
कैसे तय होता है टोल शुल्क?
टोल प्लाज़ा पर अब वैज्ञानिक तरीकों से शुल्क तय किया जाता है। छोटी गाड़ियों जैसे कार और जीप के लिए कम शुल्क होता है, जबकि ट्रक और बस जैसे भारी वाहनों के लिए ज्यादा। हर टोल पर एक रेट चार्ट होता है जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।
24 घंटे में वापसी पर छूट
अगर आप एक ही टोल से 24 घंटे के अंदर लौटते हैं तो आपको पूरा शुल्क नहीं देना होता। ऐसे में सिर्फ 1.5 गुना टोल लिया जाता है। इससे आपकी यात्रा सस्ती हो जाती है।
कुछ जरूरी बातों का रखें ध्यान
अगर आप टोल छूट की श्रेणी में आते हैं, तो आपकी गाड़ी पर सरकार से मान्यता प्राप्त पहचान चिन्ह होना जरूरी है। अगर आप गलत दस्तावेज दिखाकर छूट लेने की कोशिश करते हैं तो आपके ऊपर जुर्माना या कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
नए नियमों से सबको फायदा
2025 में लागू हुए ये नए नियम टोल प्रणाली को और पारदर्शी बना रहे हैं। जो लोग देश सेवा या आपातकालीन सेवाओं से जुड़े हैं, उन्हें राहत मिली है और आम लोगों के लिए भी कुछ हद तक सुविधाएं बढ़ी हैं। अगर आप भी इन श्रेणियों में आते हैं, तो लाभ उठाइए। अगर नहीं, तो तय शुल्क भरकर नियमों का पालन करिए – ताकि रास्ता भी साफ रहे और देश की सड़कें भी मजबूत बनती रहें।
Disclaimer
यह लेख सामान्य जानकारी और सरकारी घोषणाओं के आधार पर लिखा गया है। कृपया टोल टैक्स से संबंधित ताजा अपडेट और पात्रता सूची के लिए NHAI या परिवहन मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट ज़रूर देखें। नियम समय-समय पर बदल सकते हैं।