New Biometric Rules – अगर आप भी आने वाले समय में कोई जमीन खरीदने या बेचने का प्लान बना रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। 2025 से भारत सरकार ने जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया है। अब बिना आधार कार्ड, फेस स्कैन और OTP के कोई भी व्यक्ति जमीन की रजिस्ट्री नहीं करवा सकेगा।
कई लोग जमीन से जुड़ी धोखाधड़ी के शिकार होते हैं – फर्जी दस्तावेज, झूठे मालिक, एक ही जमीन की दो-दो रजिस्ट्री जैसी घटनाएं आम हो गई थीं। इन्हीं समस्याओं को खत्म करने और रजिस्ट्री प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए ये नए नियम लागू किए जा रहे हैं।
क्यों जरूरी था ये बदलाव?
सरकार का मकसद साफ है – जमीन की खरीद-फरोख्त में किसी भी तरह की फर्जीवाड़ा न हो और असली मालिक की पहचान सुनिश्चित की जा सके। बहुत बार ऐसा देखा गया कि कोई और व्यक्ति खुद को मालिक बताकर जमीन बेच देता है और असली मालिक को पता ही नहीं चलता। ऐसे में कानूनी पचड़ों में फंसना आम बात है।
अब जब रजिस्ट्री के लिए आधार से पहचान, फेस स्कैन से बायोमेट्रिक मिलान और OTP से मोबाइल वेरिफिकेशन होगा, तो इस तरह की धोखाधड़ी लगभग नामुमकिन हो जाएगी।
क्या होंगे इन नए नियमों के मुख्य हिस्से?
2025 से रजिस्ट्री प्रक्रिया में ये तीन चीजें होंगी अनिवार्य:
- आधार कार्ड: हर व्यक्ति को अपना वैध आधार नंबर देना होगा।
- फेस स्कैन: कैमरे के सामने बैठकर लाइव फेस स्कैन किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि व्यक्ति वही है जो डॉक्युमेंट में लिखा है।
- OTP वेरिफिकेशन: रजिस्ट्री प्रक्रिया के दौरान आपके मोबाइल पर OTP आएगा, जिसे सही तरीके से भरना अनिवार्य होगा।
नियमों का उल्लंघन करने पर क्या होगा?
सरकार ने सिर्फ नियम ही नहीं बनाए हैं, बल्कि उनके उल्लंघन पर भारी जुर्माने का प्रावधान भी रखा है। आइए जानें:
उल्लंघन | जुर्माना | असर |
---|---|---|
आधार न देना | ₹10,000 | रजिस्ट्री रिजेक्ट हो जाएगी |
फेस स्कैन न करवाना | ₹15,000 | प्रक्रिया अधूरी रह जाएगी |
OTP वेरिफिकेशन न करना | ₹5,000 | प्रमाणीकरण असफल |
जानबूझकर फर्जीवाड़ा | ₹50,000 तक | कानूनी कार्यवाही संभव |
इससे साफ है कि सरकार इन नियमों को लेकर कोई ढील नहीं देने वाली है।
कैसे होगी पूरी प्रक्रिया?
रजिस्ट्री के लिए अब कुछ आसान लेकिन पक्के स्टेप्स होंगे:
- स्टेप 1: रजिस्ट्रेशन ऑफिस में जाएं या ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन करें।
- स्टेप 2: अपना आधार नंबर दर्ज करें और UIDAI से वेरिफिकेशन कराएं।
- स्टेप 3: कैमरे के सामने बैठकर फेस स्कैन करवाएं।
- स्टेप 4: आपके रजिस्टर्ड मोबाइल पर OTP आएगा, उसे दर्ज करें।
- स्टेप 5: सभी चीजें वेरिफाई होने के बाद ही रजिस्ट्री आगे बढ़ेगी।
नए नियमों से क्या होंगे फायदे?
- धोखाधड़ी से सुरक्षा: अब कोई और आपके नाम की जमीन बेच नहीं सकता।
- रजिस्ट्री में तेजी: पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन और डिजिटल होगी, समय बचेगा।
- सरलता: कागज-पत्रों की मारामारी नहीं होगी, सब कुछ डिजिटल वेरिफिकेशन से होगा।
- कानूनी सुरक्षा: फर्जी मामलों में कोर्ट-कचहरी के चक्कर से बचेंगे।
- पारदर्शिता: हर व्यक्ति की पहचान और मोबाइल वेरिफिकेशन जरूरी होगा।
किन्हें रखना होगा खास ध्यान?
- जिनके आधार कार्ड में गलत मोबाइल नंबर जुड़ा है, उन्हें जल्द से जल्द अपडेट करवाना होगा।
- बुजुर्ग लोगों को फेस स्कैन में दिक्कत हो सकती है, इसके लिए हेल्प डेस्क की व्यवस्था होगी।
- ग्रामीण क्षेत्रों में जहां डिजिटल साक्षरता कम है, वहां सरकार विशेष कैंप लगाएगी।
क्या यह नियम पूरे देश में लागू होंगे?
हां, यह नियम देशभर में लागू होंगे, लेकिन शुरुआत में यह कुछ राज्यों और शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू हो सकता है। बाद में इसे सभी रजिस्ट्री ऑफिस में लागू कर दिया जाएगा।
क्या ये प्रक्रिया सुरक्षित है?
बिलकुल! सरकार की तरफ से ये भी साफ किया गया है कि रजिस्ट्री के दौरान जो भी बायोमेट्रिक या मोबाइल डेटा लिया जाएगा, वह पूरी तरह से सुरक्षित और गोपनीय रहेगा। UIDAI के माध्यम से ही यह वेरिफिकेशन होगा, जो पहले से ही देश में आधार डेटा को सुरक्षित तरीके से संभाल रहा है।
2025 से जमीन की रजिस्ट्री अब पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित, तेज और पारदर्शी होगी। आधार, फेस स्कैन और OTP जैसे तीन अहम स्टेप्स के जरिए अब सिर्फ असली मालिक ही अपनी जमीन बेच या खरीद सकेगा। अगर आप भी भविष्य में जमीन से जुड़ा कोई काम करने वाले हैं, तो इन नियमों को अच्छे से समझ लीजिए और अपने डॉक्युमेंट्स पहले से तैयार रखें।