Ancestral Property Rights of Wife – भारत में शादी सिर्फ एक रस्म नहीं बल्कि एक कानूनी रिश्ते की शुरुआत होती है। इस रिश्ते में दोनों यानी पति और पत्नी के कुछ अधिकार और जिम्मेदारियाँ होती हैं। लेकिन एक सवाल जो अकसर दिमाग में आता है, वो ये है – क्या पत्नी को ससुराल की संपत्ति में हिस्सा मिल सकता है? क्या वो उस घर या ज़मीन पर दावा कर सकती है जो उसके पति के परिवार की है?
सबसे पहले समझें – ससुराल की संपत्ति का मतलब क्या होता है?
जब हम “ससुराल की संपत्ति” कहते हैं, तो उसका मतलब आमतौर पर उस घर, ज़मीन या प्रॉपर्टी से होता है जो पति के मां-बाप (सास-ससुर) के नाम पर हो या फिर उनके पुश्तैनी (पैतृक) परिवार की संपत्ति हो।
अगर वो प्रॉपर्टी पति के नाम पर नहीं है, और वो अपने माता-पिता या परिवार के साथ सिर्फ रह रहा है, तो वो संपत्ति कानूनी रूप से उसकी नहीं मानी जाती।
क्या पत्नी का पति की पैतृक संपत्ति पर हक होता है?
भारतीय कानून इस मामले में बड़ा साफ है – पत्नी को पति की स्वयं अर्जित (Self-Acquired) प्रॉपर्टी पर केवल उसी स्थिति में अधिकार मिल सकता है जब पति की मृत्यु हो जाती है।
लेकिन अगर बात पैतृक संपत्ति की हो, तो वहां पत्नी का सीधा हक नहीं बनता जब तक कि उसका पति उस प्रॉपर्टी का कानूनी मालिक या हिस्सा न हो।
कोर्ट क्या कहता है इस मुद्दे पर?
1. सुप्रीम कोर्ट का फैसला (2020)
कोर्ट ने साफ कहा कि यदि किसी संपत्ति पर पति का कोई कानूनी हक नहीं है, यानी वो सिर्फ उसके माता-पिता के नाम पर है और पति उसमें सह-मालिक नहीं है, तो पत्नी का उस प्रॉपर्टी पर कोई हक नहीं बनता।
2. हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956
इस कानून के अनुसार, पत्नी पति की संपत्ति की कानूनी वारिस होती है – लेकिन यह अधिकार पति की मृत्यु के बाद ही लागू होता है। और वो भी सिर्फ पति की हिस्सेदारी के अनुसार।
कब मिल सकता है पत्नी को ससुराल की संपत्ति में हिस्सा?
कुछ खास परिस्थितियों में पत्नी को ससुराल की संपत्ति में हक मिल सकता है:
- अगर पति संयुक्त परिवार का हिस्सा हो और उसका उस संपत्ति में हिस्सा तय हो।
तो पत्नी को पति की मृत्यु के बाद उसका हिस्सा मिल सकता है। - अगर पति संपत्ति का सह-मालिक हो या उसका नाम कानूनी रूप से दर्ज हो।
- घरेलू हिंसा कानून के तहत ‘रहने का अधिकार’।
Protection of Women from Domestic Violence Act, 2005 के तहत पत्नी को उस घर में रहने का अधिकार है जहाँ वह पति के साथ रहती है, भले ही वह संपत्ति पति की न होकर ससुराल वालों की हो।
किन हालातों में नहीं मिलता पत्नी को ससुराल की संपत्ति में हक?
- अगर पति उस संपत्ति का मालिक नहीं है या उसका कोई कानूनी हिस्सा नहीं है
- अगर तलाक हो चुका हो और महिला को पहले ही गुज़ारा भत्ता मिल चुका हो
- अगर सास-ससुर ने प्रॉपर्टी को किसी और को वसीयत के ज़रिए दे दिया हो
- अगर प्रॉपर्टी पूरी तरह सास-ससुर के नाम पर हो और पति का नाम उस पर कभी न रहा हो
पत्नी के अन्य कानूनी अधिकार जो जानना ज़रूरी है
1. गुज़ारा भत्ता (Maintenance)
भारतीय दंड संहिता की धारा 125 के तहत पत्नी अपने पति से मासिक खर्च के लिए गुज़ारा भत्ता मांग सकती है।
2. निवास अधिकार (Right to Residence)
घरेलू हिंसा कानून के तहत पत्नी को उस घर में रहने का हक है जहाँ वह पति के साथ रहती थी।
3. उत्तराधिकार (Inheritance)
पति की मृत्यु के बाद पत्नी उसके हिस्से की संपत्ति की उत्तराधिकारी बनती है।
पत्नी अगर अधिकारों से वंचित हो जाए तो क्या कर सकती है?
अगर पत्नी को लगता है कि उसे नाजायज़ तरीके से उसके अधिकारों से वंचित किया गया है, तो वो निम्नलिखित कानूनी रास्ते अपनाकर अदालत का सहारा ले सकती है:
- उत्तराधिकार का दावा – अगर पति की मृत्यु हो गई है
- घरेलू हिंसा कानून के तहत निवास का अधिकार
- दीवानी वाद (Civil Suit) के जरिए संपत्ति में हिस्से की मांग
- गुज़ारा भत्ता याचिका – यदि पति पत्नी का भरण-पोषण नहीं कर रहा
क्या पत्नी को मिल सकता है ससुराल की संपत्ति में हिस्सा?
इस सवाल का सीधा जवाब है – यह पूरी तरह परिस्थिति पर निर्भर करता है।
- अगर पति का उस संपत्ति में कानूनी हिस्सा है – तो हां, पत्नी को भी उत्तराधिकार में हिस्सा मिलेगा
- अगर पति का कोई हिस्सा नहीं है और प्रॉपर्टी पूरी तरह ससुराल वालों के नाम है – तो पत्नी का हक नहीं बनता
- फिर भी पत्नी को उस घर में रहने का हक है जहाँ वह पति के साथ रहती थी, चाहे वो घर ससुराल वालों का हो
क्या करें ऐसे मामलों में?
हर कानूनी मामला अलग होता है। इसीलिए अगर आपकी भी ऐसी कोई स्थिति है या आपको लगता है कि आपके साथ अन्याय हुआ है, तो किसी अनुभवी फैमिली लॉ वकील से सलाह लेना सबसे बेहतर रहेगा।