CIBIL Score Rule – अगर आप लोन लेने की सोच रहे हैं, या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करना है, तो CIBIL स्कोर अब पहले से भी ज्यादा अहम हो गया है। क्योंकि अब RBI ने 1 जुलाई 2025 से इस स्कोर से जुड़े 5 बड़े नए नियम लागू कर दिए हैं, जो सीधे आपकी जेब, सुविधा और फाइनेंशियल सेहत से जुड़े हैं।
अब सिर्फ बैंक ही नहीं, किराए पर घर लेना हो या जॉब इंटरव्यू – CIBIL स्कोर हर जगह देखा जाता है। इसलिए इन नए नियमों को जानना जरूरी है ताकि आप बिना किसी टेंशन के अपनी क्रेडिट प्रोफाइल को दुरुस्त रख सकें।
1. अब स्कोर जांच होते ही मिलेगा नोटिफिकेशन
पहले क्या होता था? बैंक या कोई भी फाइनेंशियल संस्था आपके CIBIL स्कोर को देख लेती थी और आपको पता भी नहीं चलता था। आप ये भी नहीं जान पाते थे कि कौन आपकी प्रोफाइल में झांक रहा है।
अब क्या होगा?
जैसे ही कोई संस्था आपके स्कोर को एक्सेस करेगी, आपको तुरंत SMS या ईमेल से इसकी जानकारी मिलेगी। उसमें लिखा होगा कि किस संस्था ने आपके स्कोर को चेक किया।
फायदा क्या?
अगर कोई फर्जी जांच हुई है या आपके नाम पर कोई फ्रॉड ट्राय कर रहा है, तो आप तुरंत सतर्क हो सकते हैं और उसकी शिकायत भी कर सकते हैं।
2. लोन रिजेक्ट हुआ तो मिलेगा साफ कारण
आजकल कई बार लोग बैंक में लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं और उनका आवेदन बिना कोई वजह बताए रिजेक्ट कर दिया जाता है। इससे कन्फ्यूजन होता है और लोग अपनी गलती भी नहीं समझ पाते।
अब RBI का नियम है:
अगर किसी का लोन रिजेक्ट किया जाता है, तो बैंक या फाइनेंस कंपनी को लिखित में बताना होगा कि क्यों किया गया। जैसे – कम सिबिल स्कोर, कम इनकम, ज्यादा EMI, डॉक्यूमेंट अधूरे आदि।
इससे होगा ये:
आप अपनी गलती सुधार सकते हैं और अगली बार बेहतर तैयारी से आवेदन कर सकते हैं।
3. साल में एक बार मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट
पहले क्या होता था? अगर आपको अपनी क्रेडिट रिपोर्ट देखनी होती थी तो या तो तीसरे पक्ष की वेबसाइटों पर जाना पड़ता था, या फिर उसके लिए चार्ज देना पड़ता था।
अब RBI ने साफ कर दिया है कि –
हर CIBIL या अन्य क्रेडिट ब्यूरो कंपनियों को कम से कम साल में एक बार अपनी वेबसाइट पर मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट देना अनिवार्य है।
और ये सिर्फ स्कोर नहीं, आपकी पूरी क्रेडिट हिस्ट्री बताएगी – कौन-से लोन लिए, EMI कितनी चुकाई, कौन-से कार्ड यूज़ हो रहे हैं, कोई डिफॉल्ट तो नहीं आदि।
4. डिफॉल्टर बनाने से पहले देना होगा नोटिस
अब तक बैंक सीधे ही किसी भी ग्राहक को डिफॉल्टर घोषित कर देते थे और उसका स्कोर गिर जाता था, बिना किसी चेतावनी के।
अब क्या होगा?
अगर बैंक किसी को डिफॉल्टर घोषित करना चाहता है, तो पहले उसे सूचना देना अनिवार्य है। ग्राहक को मौका मिलेगा कि वो अपना पेमेंट कर सके या सुधार कर सके।
साथ ही, हर बैंक को एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त करना होगा जो सिर्फ CIBIL स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट से जुड़ी शिकायतों को देखेगा।
5. क्रेडिट रिपोर्ट की गलती का समाधान तय समय में
कई बार रिपोर्ट में कोई गलती होती है, जैसे – आपने लोन चुका दिया फिर भी रिकॉर्ड में दिख रहा है कि बकाया है। और जब आप शिकायत करते हैं तो महीनों जवाब नहीं आता।
अब RBI ने साफ टाइमलाइन दी है:
संस्था | समाधान की समयसीमा |
---|---|
बैंक | 21 दिन के अंदर |
क्रेडिट ब्यूरो | 9 दिन के अंदर |
कुल समय | 30 कार्यदिवस |
अगर इतने समय में समाधान नहीं हुआ, तो संबंधित संस्था को हर दिन ₹100 जुर्माना देना होगा।
इन नए नियमों से क्या फायदे होंगे?
- आपको अपने CIBIL स्कोर पर पूरी निगरानी मिलेगी
- बैंक अब मनमानी नहीं कर सकेंगे, हर चीज़ का कारण देना होगा
- ग्राहक के अधिकारों की रक्षा होगी
- क्रेडिट प्रोफाइल सुधारने के लिए समय और गाइडेंस मिलेगा
- सिस्टम में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी
- फाइनेंशियल फैसलों में गंभीरता और जिम्मेदारी आएगी
अब आपको क्या करना चाहिए?
- साल में कम से कम एक बार अपनी क्रेडिट रिपोर्ट जरूर देखें
- अगर कोई गलती दिखे तो तुरंत शिकायत करें
- समय पर EMI और कार्ड बिल चुकाएं
- बार-बार लोन या कार्ड के लिए बिना वजह अप्लाई न करें
- और सबसे ज़रूरी – सावधान रहें कि कोई आपकी जानकारी का दुरुपयोग न करे
RBI के ये नए नियम दिखाते हैं कि अब फाइनेंशियल सिस्टम सिर्फ बैंकों के लिए नहीं, बल्कि आम आदमी की सहूलियत के लिए भी काम कर रहा है। इससे ग्राहक भी ज़िम्मेदार बनेंगे और बैंक भी अपने फैसलों को लेकर पारदर्शी होंगे।
अगर आप समय से कर्ज चुकाते हैं, अपनी प्रोफाइल साफ रखते हैं और सजग रहते हैं – तो आपको न तो स्कोर गिरने की चिंता होगी, न ही लोन रिजेक्ट होने की।