Land Registration New Rules – अगर आप भी जमीन खरीदने या बेचने की सोच रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए बहुत काम की है। अब तक हम सभी ने जमीन रजिस्ट्रेशन को एक झंझट भरी प्रक्रिया के रूप में देखा है – लंबी लाइनें, बार-बार दस्तावेज़ों की मांग, दलालों का दखल और भ्रष्टाचार का डर। लेकिन अब सरकार ने 1 जुलाई 2025 से देशभर में जमीन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पूरी तरह से बदल दिया है।
नए नियमों के लागू होने के बाद अब यह प्रक्रिया ना सिर्फ आसान और डिजिटल हो गई है, बल्कि इससे समय और पैसे दोनों की बचत भी होगी। आइए जानते हैं इन नए नियमों की पूरी डिटेल।
क्या है नया बदलाव?
सरकार ने 1 जुलाई 2025 से पूरे भारत में जमीन रजिस्ट्रेशन को लेकर 4 बड़े बदलाव लागू किए हैं। इनका उद्देश्य है – पारदर्शिता, सादगी और फर्जीवाड़े पर लगाम।
1. अब सब कुछ ऑनलाइन – डिजिटल रजिस्ट्रेशन
अब आपको रजिस्ट्रार ऑफिस के चक्कर काटने की ज़रूरत नहीं। पूरा रजिस्ट्रेशन प्रोसेस डिजिटल हो चुका है।
- रजिस्ट्रेशन फॉर्म ऑनलाइन भरिए
- पहचान पत्र, प्रॉपर्टी पेपर और सेल डीड अपलोड करिए
- डिजिटल सिग्नेचर और ई-साइन का विकल्प मिलेगा
- पूरा प्रोसेस आप घर बैठे ट्रैक कर सकते हैं
- रजिस्ट्रेशन पूरा होने पर आपको डिजिटल सर्टिफिकेट मिल जाएगा
फायदा:
लंबी लाइनें और दलालों की झंझट खत्म। पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और रिकॉर्ड में रहेगी।
2. आधार से लिंकिंग अनिवार्य
अब खरीदार और विक्रेता – दोनों के आधार कार्ड को रजिस्ट्रेशन से लिंक करना ज़रूरी होगा।
- बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन किया जाएगा
- हर रजिस्ट्री की जानकारी आधार से जुड़ी रहेगी
- फर्जी नाम या बेनामी संपत्ति की पहचान आसान हो जाएगी
फायदा:
फर्जीवाड़े पर रोक, पहचान की पुख्ता पुष्टि और विवादों की संभावनाएं कम।
3. हर रजिस्ट्रेशन की वीडियो रिकॉर्डिंग
अब जमीन की हर रजिस्ट्री की वीडियो रिकॉर्डिंग जरूरी कर दी गई है। इसमें खरीदार और विक्रेता दोनों की सहमति रिकॉर्ड होगी।
- वीडियो कोर्ट केस में सबूत के तौर पर इस्तेमाल हो सकेगा
- जबरदस्ती या धोखे से कराई गई रजिस्ट्री पर लगाम लगेगी
फायदा:
रजिस्ट्री में पारदर्शिता आएगी और विवाद की स्थिति में पुख्ता प्रमाण मिलेगा।
4. ई-स्टांपिंग और ऑनलाइन पेमेंट
अब स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान ऑनलाइन किया जा सकता है।
- नकली स्टांप पेपर की समस्या खत्म
- पेमेंट UPI, डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग से
- तुरंत रसीद और पेमेंट का रिकॉर्ड मिलेगा
फायदा:
कैशलेस और सुरक्षित लेन-देन, प्रक्रिया तेज और फुल ट्रैकिंग सुविधा।
अन्य बड़े बदलाव
- रजिस्ट्रेशन फीस में कटौती – खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में अब रजिस्ट्रेशन फीस ₹50 से ₹100 के बीच ही रखी गई है।
- Self-Registration सुविधा – अब किसी वकील या एजेंट की ज़रूरत नहीं। खुद ऑनलाइन फॉर्म भरकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
- NOC अनिवार्य – अब जमीन की बिक्री से पहले ज़रूरी विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना ज़रूरी होगा।
- Anywhere Registration – किसी भी राज्य से किसी भी जगह की जमीन का रजिस्ट्रेशन हो सकता है।
- NRI सुविधा – अब विदेश में रहने वाले भारतीय भी ऑनलाइन पोर्टल से जमीन रजिस्ट्री करवा सकते हैं।
रजिस्ट्रेशन की स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया
- अपने राज्य के प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर जाएं
- लॉगिन या नया अकाउंट बनाएं
- ऑनलाइन फॉर्म भरें – विक्रेता और खरीदार की जानकारी दें
- ज़रूरी दस्तावेज अपलोड करें
- आधार लिंक करें और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन कराएं
- वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए स्लॉट बुक करें
- ई-स्टांपिंग और रजिस्ट्रेशन फीस का ऑनलाइन पेमेंट करें
- डिजिटल सिग्नेचर लगाकर सबमिट करें
- कुछ ही समय में आपको डिजिटल सर्टिफिकेट मिल जाएगा
इन नियमों से आपको क्या फायदा?
- कम खर्च: अब रजिस्ट्रेशन फीस ग्रामीण इलाकों में बहुत कम कर दी गई है
- कम समय: पहले जो काम हफ्तों में होता था, अब 1-3 दिनों में हो जाएगा
- कम विवाद: वीडियो, आधार और डिजिटल रिकॉर्डिंग से सबूत पक्के
- कम परेशानी: घर बैठे पूरा प्रोसेस – बिना एजेंट या वकील के
- सभी के लिए सुलभ: चाहे आप शहर में हों, गांव में या विदेश में – अब हर कोई आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकता है
किन लोगों के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद?
- ग्रामीण नागरिक: जिन्हें पहले लंबी दूरी तय कर रजिस्ट्रार ऑफिस जाना पड़ता था
- मध्यम और निम्न आय वर्ग: जिन्हें पहले रजिस्ट्रेशन फीस और एजेंट की फीस बड़ी बोझ लगती थी
- NRI: जो विदेश में रहकर भी भारत में जमीन खरीदना चाहते हैं
- महिलाएं: जो अब सुरक्षित और पारदर्शी प्रोसेस से खुद जमीन खरीद सकती हैं
सरकार द्वारा 1 जुलाई 2025 से लागू किए गए ये नए नियम देश में जमीन खरीदने-बेचने की प्रक्रिया को पूरी तरह से बदलने जा रहे हैं। अब सब कुछ पारदर्शी, डिजिटल और सुलभ है। अगर आप भी जमीन से जुड़ा कोई लेन-देन करना चाहते हैं, तो पहले नए नियम अच्छे से समझ लें और फिर बिना किसी एजेंट या दलाल के खुद प्रक्रिया पूरी करें।